नाबालिग से रेप में सजा पाए भाजपा विधायक रामदुलार को हाईकोर्ट से राहत नहीं,
विधायिकी भी गई, आदेश हुआ जारी
सोनभद्र की कोर्ट ने भाजपा विधायक को नाबालिग से रेप के मामले में दोषी करार देते हुए 25 साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। हाईकोर्ट ने विधायक की और से सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर निचली अदालत के रिकॉर्ड तलब किए हैं। साथ ही राज्य सरकार से अपील पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोर्ट ने विपक्षियों को भी नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। इधर, विधानसभा सचिवालय ने रामदुलार गोंड की विधायकी रद कर दी है। इसका आदेश जारी कर दिया गया है। रामदुलार की विधायकी सजा वाले दिन 15 दिसंबर से ही रद कर दी गई है।
चार नवंबर 2014 को रामदुलार गोंड़ ने एक गांव की नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था। किशोरी के भाई ने म्योरपुर कोतवाली में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अदालत में पत्रावली प्रस्तुत कर दी थी। लंबी सुनवाई के बाद सोनभद्र की स्पेशल कोर्ट (एमपी/एमएलए) ने 15 दिसंबर को विधायक रामदुलार गोंड को नाबालिग से रेप के अपराध में दोषसिद्ध पाते हुए 25 साल कैद और 10 लाख रुपये जुर्माने की की सजा सुनाई।
इसी सजा के खिलाफ विधायक हाईकोर्ट पहुंचे थे। अपील में सजा को रद्द किए जाने की गुहार लगाई गई है। साथ ही अपील के निर्णय तक सजा पर रोक लगाने और जमानत पर रिहा किए जाने की भी प्रार्थना की गई। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन उन्हें कोई राहत नहीं दी। अपील पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी।
हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के साथ ही विधायक की विधानसभा सदस्यता भी चली गई है। वैसे तो दो साल से अधिक की सजा के बाद खुद ही सदस्यता चली जाती है। लेकिन आधिकारिक घोषणा शुक्रवार को हुई। इसमें दिसंबर से ही उनकी सदस्यता रद करने का आदेश जारी किया गया है।
