मछली समेत तमाम जीवजनातुओ का संकट में जीवन
सोनभद्र। चोपन रेणुका सोनभद्र के सोन नदी तथा इसके सहायक नदियों में बालू खनन को लेकर कई कंपनियां काम कर रही हैं जहां खनन के दौरान मानकों को ताख़ पर रखकर नदियों की बांधी जलधारा को बांधकर खनन किया जा रहा है यही नहीं मोटी रकम कमाने को लेकर हेवी मशीनरी तथा नव में प्रेशर पाइप लगाकर नदियों से पानी के साथ बालू को खींचा जा रहा।
जिसके कारण सोन तथा सहायक नदियों में पाए जाने वाली कई दुर्लभ प्रजाति के जलीय जीव जैसे की कछुआ, मछलियां व घड़ियाल, मगरमच्छ के प्रमुख पर गहरा संकट मंडराने लगा है जिसका कोई सुध भी नहीं लिया जा रहा है।
बता दें की लगातार उस नदी में रहने वाले तमाम जीव जंतुओं की अनगिनत मौत के बावजूद इसे लेकर सोनभद्र जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहे हैं।
नतीजा सोन नदी की जलधारा मृत सागर के समान बनती जा रही जहां जीवन का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा वही मामले में लगातार निषाद समाज तथा मत्स्य विभाग से जुड़े लोग नदियों में मछलियों को छोड़ रहे हैं लेकिन मछलियां कहां चली जा रही हैं।
इसका जवाब देने वाला कोई नहीं यदि समय रहते सोन नदी की जलधारा के जीवन को बचाने का प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले समय में सोने की जलधारा भी यमुनातथा उन नदियों के समान हो जाएगा जो बिल्कुल मृत हो चुकी है और दूषित होती जा रही हैं।
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