भाजपा कायस्थों का वोटबैंक की तरह इस्तेमाल कर रही है, जो कि पूरे कायस्थ समाज का अपमान है। बीजेपी ने पिछले राज्यसभा चुनाव में संजय सेठ को उतारकर समाजवादी पार्टी के कायस्थ उम्मीदवार आलोक रंजन को छल-कपट से हरा दिया।
इसके पश्चात लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूरे देश मे अभी तक घोषित बीजेपी के प्रत्याशियों की लिस्ट में एक भी कायस्थ नहीं है और जो 2019 में लोकसभा चुनाव जीते भी थे, उनका भी टिकट काट दिया। इतना ही नही अभी हाल ही में उ०प्र० के एमएलसी चुनाव के लिए भी घोषित बीजेपी के प्रत्याशियों की लिस्ट में एक भी कायस्थ नहीं है।
आज भाजपा द्वारा कायस्थ समाज को पर्याप्त प्रतिनिधित्व इसलिए नही दिया जाता क्योंकि कायस्थ इसपर कोई विरोध अथवा आपत्ति तक दर्ज नही कराता और बिना माँगे ही अपना वोट बढ़-चढ़ कर बीजेपी के पक्ष में डालता चला आया है।
अतः आज इस गम्भीर विषय पर समूचे कायस्थ समाज को एकजुट होकर गहन चर्चा करनी होगी कि ताकि कायस्थों की उपेक्षा करने वालों को जवाब दिया जा सके।
