कायस्थ वाहिनीं के प्रमुख श्री पंकज भइया ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन सौंपा तथा कहा कि अति प्रसन्नता के साथ अवगत कराना है कि आपके निर्देश पर 1 जुलाई 2024 को भारतीय न्याय प्रणाली की धारावों और नाम में जो परिवर्तन कर ऐतिहासिक कदम उठाया गया है वह सराहनीय है। इससे गुलामी के समय से चली आ रही अवधारणा बदल गई।

इसी क्रम में आप महोदया से अनुरोध ही कि हम भारतियों के न्याय के देवता भगवान चित्रगुप्त हैं, उन्हीं के पास सभी जीवों के कर्मों का लेखा – जोखा होता है। इसलिए रोमन देवी जस्टीशिया की जगह भगवान चित्रगुप्त की मूर्ती स्थापित करने का आदेश पारित करें। यह कदम हम भारतियों के लिए गर्व की बात होगी।
