रोमन देवी की मूर्ति के स्थान पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा हो स्थापित- पंकज भैया
बस्ती – देश में नई न्याय संहिता की शुरूआत 1 जुलाई से हो चुकी है। अंग्रेजो की सरकार के कानून से देश को निजात मिल गई है और भारतीय कानून लागू हो चुका है।
कायस्थ वाहिनी अंतर्राष्ट्रीय के वाहिनी प्रमुख पंकज भैया कायस्थ ने 2 जुलाई 2024 को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा था आज पुनः 8 जुलाई 2024 को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा ।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कायस्थ वाहिनी अंतर्राष्ट्रीय के प्रमुख पंकज भईया कायस्थ ने उल्लेख किया है कि जिस तरह से देश में नई न्याय संहिता लागू की गई है। उसी तरह न्याय के मंदिर न्यायालयों में स्थापित रोमन देवी जस्टीशिया की मूर्ति को हटाया जाए। उन्होंने पत्र के माध्यम से यह भी कहा है कि रोमन देवी की मूर्ति की जगह पर भगवान चित्रगुप्त को स्थापित किया जाए। क्योंकि वे ही सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं।

बताया गया कि पत्र में वाहिनी प्रमुख पंकज भैया कायस्थ ने स स्पष्ट रूप से दर्शाया है कि अंग्रेजो की सरकार के कानून में गुलामी की अवधारणा को बदलकर भारतीय कानून व्यवस्था को लागू करने से अब नागरिकों के लिए न्याय और ज्यादा सुलभ और सरल हो जाएगा। लेकिन न्यायालयों में स्थापित रोमन देवी जस्टीशिया की प्रतिमा अब भी परतंत्रता का आभास करवा रही है।
ऐसे में जल्द ही रोमन देवी की प्रतिमा को हटाकर भगवान चित्रगुप्त को न्यायालयों में स्थापित किया जाए। उन्होंने इस अभियान से सभी सामाजिक संगठनों से ज्यादा से ज्यादा जुडने की भी अपील की है।
