चन्दौली जिलेभर में मोहर्रम अकीदत के साथ मनाया गया। हिन्दू तथा मुस्लिम समाज के लोगों ने ताजिए के नीचे से निकल कर खुशहाली की मन्नत मांगी।जुलूस में दोनों समुदायों के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और देश की गंगा जमुनी तहजीब जिंदा रही। वहीं अलीनगर थाना क्षेत्र के लौंदा गांव में अंजुमन जौवादियां, शकुराबाद, कुंडा कला, मलोखर, बहादुरपुर, चौरहट, मवई, दुल्हीपुर, सेमरा, कटेसर, नाथूपुर, मुगलसराय कसाब महाल, अलीनगर, कठौरी, बरौली, रेवसा, खजूर गांव, दिघी, बसीला, महदेउर आदि गांव में मुहर्रम अकीदत के साथ मनाया गया। बताया जा रहा है कि मुहर्रम कर्बला के 72 शहीदों की याद में किया जाता है। ये कोई पर्व नहीं, बल्कि एक इंसानियत के लिए संदेश है। जो इमाम हुसैन ने कर्बला में आतंक फैलाये हुए यजीद के खिलाफ़ जंग की थी। और अपने बहत्तर साथियों के साथ शहीद हो गये। लौंदा गांव में मुहर्रम का जुलूस मंगलवार की शाम सगीर दादा के दरवाजे से ताजिया व अलम के साथ उठाया गया। जिसमें अजादार इमाम हुसैन की शहादत के गम में नौहाखानी व मात कर माहोल को गमगीन कर दिया। वहीं बुधवार को दोपहर बाद चौक से जुलूस निकाला गया जो कर्बला में जाकर ठंडा किया गया। जुलूस के दौरान विभिन्न स्थानों पर शरबत और ठण्डे पानी की व्यवस्था की गई थी। मुहर्रम ताजिया का जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने राहत की सांस ली।
