LUCC के एमडी-सीएमडी सहित 7 पर धोखाधड़ी का केस, करोड़ों की कमाई हड़पने का आरोप

Advertisements
Ad 3

वीरेंद्र नाथ संवाददाता

सोनभद्र : शानदार तरीके से सेमिनार आयोजित कर, लोगों को सोचने के लिए विवश कर देने वाली एलयूसीसी के एमडी-सीएमडी सहित सात पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस ने यह कार्रवाई न्यायालय के हस्तक्षेप पर की है। कंपनी के चेयरमैन-डायरेक्टर सहित सात पर जनता की करोड़ों रूपये की गाढ़ी कमाई हड़पने का आरोप है। यह केस, कंपनी के लिए कमीशन एजेंट के रूप में काम करने वाले एक निवेशक की तरफ से किया गया है।

पिपरी थाना क्षेत्र के पिपरी कस्बा निवासी सुनील कुमार द्विवेदी का कहना है कि वह वर्ष 2016 में एक सेमिनार मे गए थे, वहां उनसे शवाब हुसैन, एमडी अनुज जैन और सीएमडी समीर अग्रवाल सहित कुछ अन्य लोग मिले और उसे एलयूसीसी यानी द लोन अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट थ्रीफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी की योजना और उससे मिलने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी। आरोप है कि उन लोगों ने निवेश की गई रकम को 4-5 वर्ष में दो गुना करके देने का वायदा किया। उनकी बातों के झांसे में आकर जहां उसने निवेश किया। वहीं, आरती बंसल और अनुराग बंसल की सलाह पर एजेंट बन गया। आरोप लगाया गया है कि इसके बाद संजय मुदगील (एजुकेशनल ट्रेनर), सानिया अग्रवाल (पत्नी समीर अग्रवाल), आरके शेट्ठी (फंड मैनेजर), अभय राय (अध्यक्ष), शवाब हुसैन, सीएमडी समीर अग्रवाल, आरती बंसल, अनुराग बंसल द्वारा उस पर बराबर सोसाइटी का कार्य करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कमीसन बेस एजेंट बनाए जाने के लिए दबाव दिया जाने लगा। इसके लिए उसे वाराणसी और सोनभद्र की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

जानिए किसने कितनी रकम की निवेश

तहरीर के जरिए शिेकायतकर्ता ने दावा किया है कि एजेंट बनने के बाद उसने अपना 32 लाख 40 हजार, अपने रिश्तेदार व जान-पहचान के लोगांेमें अखिलेश सिंह से 5 लाख, सुशील जौहरी से 5 लाख, आशा सिंह से 5 लाख, रामबदन राम से 1.5 लाख निवेश कराए गए। रमेश तिवारी, रमेश मिश्र, महेंद्र कुशवाहा, सुनील मिश्रा, कमलेश सिंह, संजय कुमार, मनीष सिंह ने एक-एक लाख की रकम निवेश की। लक्ष्मीकांत तिवारी ने 6 लाख, विश्वनाथ सिंह ने 3.5 लाख जमा किए।

700 एजेंटों के जरिए जमा कराई गई करोड़ों की रकम

दावा किया गया है कि एक के बाद एजेंट वाली चेन के जरिए सोनभद्र और वाराणसी में लगभग 700 एजेंट बनाए गए और उनके जरिए करोड़ों की रकम कंपनी में जमा कराई गई। भुगतान की बारी आई तो कहा गया कि चुनाव के कारण कैश का आवागमन रोका गया है। कुछ समय तक लोगों को समझाकर शांत कराने के लिए कहा गया। बाद में फोन उठाना बंद कर दिया गया। आरोप है कि बार-बार फोन किए जाने पर गाली-गलौज धमकियां दी जाने लगी। पुलिस के मुताबिक प्रकरण में धारा 419, 420, 406, 504 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर छानबीन की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!