यू०पी०, सोनभद्र, ग्राम सिलथम के लेखपाल मनीष कुमार की करतूत

Advertisements
Ad 3

झूठी रिपोर्ट से बनाया अमीर परिवार की महिलाओं को अति गरीब।

वास्तविक गरीब एवं पात्र महिला का हक मार अपात्र महिला बनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री।

मामला अनुसूचित जाति की ही वास्तविक गरीब व अमीर महिलाओं से है जुड़ा।

पीड़िता ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित सक्षम अधिकारियों से लगाई न्याय की गुहार।

जिसे एक बार मिला हो आरक्षण का लाभ उसे दुबारा न मिले, वर्ना अपनी ही जाति के गरीबों का जीना कर देंगें मुश्किल – ममता देवी।

घटना उतर प्रदेश, जनपद सोनभद्र, तहसील रॉबर्ट्सगंज के ग्राम सिलथम की है, जहाँ क्षेत्रीय लेखपाल की झूठी रिपोर्ट के आधार पर अमीर परिवार की महिला ने अति गरीब बन हथिया लिया आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री का पद।

फूस की मड़ई युक्त मिट्टी के घर में रहने वाली भूमि एवं वाहन विहीन दयनीय आर्थिक स्थिति की वास्तविक गरीब महिला ममता देवी हाई स्कूल में 78.83 प्रतिशत एवं इंटरमिडियट में 76 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण थी जिसके कारण ग्राम सिलथम में सबसे अधिक मेरिट होने के बावजूद भी ए0पी0एल0 श्रेणि के आय प्रमाण पत्र (आवेदन क्रमांक -242000010033267, प्रमाण पत्र क्रमांक – 702241011781 जारी दिनांक – 31/03/2024 – परिवार की कुल वार्षिक आय 48000/- रुपए) के आधार पर आंगनबाड़ी भर्ती हेतु अपात्र हो गई एवं गांव की ही आलीशान पक्के मकान, भूमि व वाहन से परिपूर्ण वन दरोगा की बहुएं किरन तिग्गा एवं सुप्रिया तिर्की जिनके अंको का मेरिट भी कम था, ने लेखपाल से सांठ-गांठ कर झूठे रिपोर्ट के आधार पर जारी बी0पी0एल0 श्रेणि के आय प्रमाण पत्र (आवेदन क्रमांक – 242000010035926 व 242000010036603 एवं प्रमाण पत्र क्रमांक -702241012419 व 702241012421 जारी दिनांक 03/04/2024 – परिवार की कुल वार्षिक आय 46000/- रुपए) में उपरोक्त वास्तविक गरीब महिला ममता देवी से भी अधिक गरीब बन आंगनबाड़ी का पद हथिया लिया।

इस प्रकार क्षेत्रीय लेखपाल ग्राम सिलथम मनीष कुमार द्वारा जानबूझ कर दी गई झूठी रिपोर्ट से जारी आय प्रमाण पत्र के आधार पर आलीशान पक्के मकान भूमि वाहन से परिपूर्ण वैभवशाली जीवन जीने वाली किरन तिग्गा एवं सुप्रिया तिर्की को भूमि वाहन विहीन झोपड़ीनुमा कच्चे मकान एवं दयनीय आर्थिक स्थिति वाली ममता देवी से भी ज्यादा गरीब दर्शा दिया गया, जिसके कारण अपने गांव में सबसे अधिक मेरिट होने के बावजूद वास्तविक गरीब एवं पात्र महिला ममता देवी को आंगनबाड़ी चयन/वरीयता सूची से बाहर कर उक्त अमीर परिवार की किरन तिग्गा व सुप्रिया तिर्की को चयन/वरीयता सूची में सामिल कर उक्त किरन तिग्गा की नियुक्ति आंगनबाडी कार्यकत्रि के रूप में कर दी गई।

गौर तलब है कि मामला अनुसूचित जाति की महिलाओं से ही संबंधित है। पीड़िता ममता का कहना है कि आरक्षण का लाभ लेकर जो लोग सक्षम एवं संपन्न बन जाते हैं वही लोग भ्रष्ट कर्मचारियों एवं अधिकारियों से मिली-भगत कर अवैध एवं अनैतिक हथकंडे अपना कर अपनी ही जाति के गरीब लोगों का हक मारतें हैं। पीड़िता ममता का कहना है की सरकार इस ओर भी ध्यान दे की जिसे एक बार आरक्षण का लाभ मिल गया हो उसे दुबारा लाभ न मिले वर्ना ऐसे लोग अपनी ही जाति के गरीबों को जीने नहीं देगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!