मारपीट में हुई थी युवक की मौत, 12 वर्ष बाद आया न्यायालय का फैसला
राजेन्द्र प्रसाद जिला संवाददाता
चंदौली। जमीन संबंधी विवाद के चलते हुई मारपीट में युवक की मौत मामले में सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने आरोपी को सात वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। न्यायालय का फैसला 12 वर्ष आया है। चंदौली कस्बा के वार्ड नंबर तीन नेहरू नगर निवासी रामजी राम ने सदर कोतवाली में तहरीर देते हुए आरोप लगाया कि उसका अपने रिश्तेदार रामचंद्र से मकान व जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है। 28 जुलाई 2011 को सुबह सात बजे रामचंद्र और रामकरन अपने पुत्रों के साथ लाठी डंडा लेकर दरवाजे पर आ गए और गाली-गलौज करने लगे। रामजी ने इसका विरोध किया तो मारने-पीटने लगे। बीच-बचाव करने आई पत्नी शारदा देवी पुत्र प्रीतम कुमार और पुत्रियों रीना व रेनू को भी पीटना शुरू कर दिया। मोहल्ले के लोग दौड़कर आए और बीच-बचाव कर झगड़ा समाप्त कराया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद सभी घायलों को पंडित कमलापति त्रिपाठी अस्पताल में भर्ती कराया। घायल प्रीतम की हालत चिंताजनक होने पर उसे ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। 30 जुलाई को इलाज के दौरान ही प्रीतम की मौत हो गई। 15 मई 2013 को मामला न्यायालय में चला गया। एक आरोपी रामकरन की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि रामचंद्र के नाबालिग पुत्रों की पत्रावली अलग कर विचारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड को भेज दी गई है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह और राजेंद्र कुमार पांडेय ने अभियोजन की तरफ से तर्क प्रस्तुत करने के साथ ही सभी साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष रखा। जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। आरोपी रामचंद्र को धारा 304 के तहत सात वर्ष के कठोर कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है तथा अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। जबकि तीन अन्य धाराओं में क्रमशः 325 भा. द. सं. में पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा तथा 15000 रुपये का अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर 3 मास की अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी, 323 भा. द. सं. में एक वर्ष की सजा तथा 1000 रुपये जुर्माना, 504 भा. द. सं. में 2 वर्ष के कठोर कारावास की सजा तथा 2000 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
