ओवरलोडिंग व कटिंग में होती है अलग अलग वसूली
सिंगरौली। एनसीएल की निगाही परियोजना से निकलने वाला कोयला आजकल कांटा बाबुओं की कमाई का जरिया बन गया है।
सेल्समैनेजर की मिलीभगत से निगाही परियोजना कांटा नंबर 4 से जो भी गाड़ियां निकलती है यदि वह ओवरलोड हैं तो उनसे प्रतिटन सौ रूपये की सुविधा शुल्क ली जाती है जबकि यदि गाड़ी में कोयला मानक से ज्यादा लोड है जिसे कटिंग कहते हैं उसमें प्रतिकिलो दो रूपये की सुविधा शुल्क ली जाती है। रोजाना सैकड़ो गाड़िया एनसीएल निगाही परियोजना के कांटा नंबर चार से निकलती हैं। यदि हर गाड़ी का जोड़ दिया जाये तो प्रतिदिन कई लाख रूपये की अवैध कमाई सेल्मैनेजर व कांटा बाबु कर रहे हैं।
हैरत की बात है कि उक्त गोरखधंधे की जानकारी एनसीएल के आला अधिकारियों तथा सिक्योरिटी को भी होती है। कोयले के इस काले खेल में जिस तरह सबके हाथ काले हैं उसी तरह इस धंधे में जुड़े हर अधिकारी कर्मचारी की जेब गर्म की जाती है।
कुछ यही हाल एनसीएल की परियोजनाओं के हर कांटे की बतायी जाती है। हर कांटा में कमोवेश यही स्थिति है। कांटा बाबू व सेल्मैनेजर की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर कोयले की हेराफेरी कर अवैध कमाई की जा रही है। इस गोरखधंधे में एनसील के अधिकारियों की भी मिलीभगत होती है।
एनसीएल के शीर्ष अधिकारियों तक जब यह बात जाती भी है तो नीचे के अधिकारी इस मामले की लीपापोती कर देते हैं और एनसीएल की परियोजनाआें के कांटों पर कोयले का खेल चलता रहता है।
