भारत के न्यायालयों में भगवान चित्रगुप्त की मूर्ती हो स्थापित – मुकुल श्रीवास्तव

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सोनभद्र – कायस्थ वाहिनी अंतर्राष्ट्रीय मुहिम के समर्थन मे चित्रांश सेवा समिति ने भी भारत के न्यायलयों में रोमन देवी जस्टिशिया की जगह भगवान श्री चित्रगुप्त की मूर्ती लगाने के अनुरोध हेतु भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र है ।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में चित्रांश सेवा समिति ने लिखा है कि दरअसल भारत की सनातन जनता शुरू से ही वेद और पुराणों में वर्णित तथ्यों के आधार पर आस्थावान रही है, तभी इतनी बड़ी संख्या में लोग सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश को न्यायालय में स्थापित करने हेतु ऐसा प्रदर्शन कर पा रहे हैं।
आप और आपके मंत्रिमंडल द्वारा 1 जुलाई को न्यायालय के नाम और धाराओं में सुधार किया गया है उसी से हम सभी का आत्मबल बढ़ा है।
चित्रांश सेवा समिति के अध्यक्ष श्री मुकुल श्रीवास्तव जी ने जारी एक बयान में इस मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि यदि भारत सरकार इस मामले में सार्थक निर्णय लेती है तो यह सनातन धर्म में वर्णित तथ्यों के अनुसार भी होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि हम समर्थन करते हैं और न्यायालयों में न्याय के देवता भगवान चित्रगुप्त की मूर्ती की स्थापना होनी ही चाहिए ।

अतः उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री से सादर अनुरोध किया है इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हम आभारी रहेंगे । यह जानकारी चित्रांश सेवा समिति के अध्यक्ष ने अपने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है।

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