समस्याओ का अम्बार अध्यक्ष व ईओ रहते है नदारद,
पत्रावलियो पर हस्ताक्षर तक सीमित
अनपरा (सोनभद्र) हमेशा भरस्टाचार को लेकर पुरे प्रदेश मे सुर्खियों में रहने वाले सोनभद्र जिले की नगर पंचायत अनपरा जहाँ ईओ और अध्यक्ष विहीन हो गई है वही एक बाबू के भरोसे प्रदेश की सबसे बड़ी नगर
पंचायत अनपरा मे समस्याओ के अम्बार लग गए है l
पूरे नगर पंचायत मे गंदगी, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र सहित विकास कार्यों मे जहाँ बड़े बड़े घोटाले हो रहे है वही स्वच्छ वायु सर्वेक्षण व स्वछता सर्वें के फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नगर पंचायत अपनी पीठ स्वयं थपथपा कर सरकारी धन के बंदर बाट मे जुटा है
लगभग एक महीने मे ईओ 15 से 20 दिन छुट्टी पर रहती है अध्यक्ष घर से बाहर नहीं निकलते है अध्यक्ष पुत्र व बाबू नगर पंचायत को चला रहे है जिससे नगर पंचायत अनपरा नरक पंचायत बन गया है l चारों ओर गंदगी का साम्राज्य है नगर पंचायत अनपरा मे लगभग 325 कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी हालत बद से बदतर है l बाबू से मीटिंग भी कराई जाती है बाबू ही जनता की गालिया सुनता है बाबू ही सारे कार्य देखता है
एक ही व्यक्ति के कार्य पर नगर पंचायत अनपरा के विकास का पहिया घुम रहा है जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विकास की क्या गति हो सकती है ईओ और अध्यक्ष ना तो विकास कार्यों की समीक्षा करते है ना ही भरस्टाचार पर रोक लगाते है बस पत्रावलियो पर हस्ताक्षर तक सीमित है l एक सप्ताह से व्यापारी नाली निर्माण के आड़ मे जमीन कब्जा का विरोध कर रहे परन्तु ना तो ईओ ने ना ही अध्यक्ष ने मौके पर जाकर व्यापारियों से वार्ता कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जनता पूछ रही है क्या ऐसे होते है गैर जिम्मेदार ईओ और अध्यक्ष,
लोगो ने ईओ अपर्णा मिश्रा के स्थानांतरण की मांग करते हुए अनुभवी ईओ की मांग की है जिससे नगर पंचायत का विकास का पहिया घूम सके और भरस्टाचार पर रोक लगे l
