श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
रेणुकूट (सोनभद्र) : समन्वय परिवार के मैदान में सनातन एकता सेवा परिषद तथा सुगमय फाइनेंस द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में आज का दिन पौराणिक प्रसंगों के दृष्टिकोण से विशेष रहा। कथा के तीसरे दिन कथावाचक ने भगवान वामन अवतार और श्रीकृष्ण जन्म के अध्यायों का विस्तार से वर्णन किया, जिसे सुनने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या पंडाल में एकत्र होने लगी।

कथावाचक ने कहा कि वामन अवतार धर्म की पुनर्स्थापना का अद्वितीय उदाहरण है। वर्णन के दौरान उन्होंने बताया कि कैसे त्रेतायुग में देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण किया और असुर राजा बली से तीन पग भूमि का दान माँगकर संपूर्ण ब्रह्मांड को अपने चरणों में समेट लिया। प्रसंग सुनते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालु ‘जय वामन देव’ के जयकारों से गूंज उठे।

इसके बाद कथा का मुख्य आकर्षण रहा श्रीकृष्ण जन्म का संपूर्ण वर्णन। देर रात कारागार के वातावरण, देवकी–वसुदेव की पीड़ा तथा श्रीकृष्ण के अवतरण के क्षणों को जब मंच से सुनाया गया तो वातावरण भाव-विह्वल हो उठा। कथावाचक ने बताया कि दिव्य प्रकाश के बीच कारागार के बंधन अपने आप खुल गए और वसुदेव शिशु कृष्ण को सुरक्षित रूप से गोकुल ले गए। यह वर्णन सुनकर कई श्रद्धालु भक्ति-भाव से भावुक दिखाई दिए।

कथास्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। पंडाल में भजन, संकीर्तन और शंखनाद की गूँज से पूरे दिन धार्मिक माहौल बना रहा। आयोजकों के अनुसार कथा में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।इस अवसर पर मुख्य यजमान अवधेश मिश्र, विकास सिंह ,राजेश सिंह, गोपाल सिंह,वीर बहादुर सिंह,मनीष मिश्रा,राकेश सिंह, साधना पांडे, अनुराग पाठक, सपना शुक्ला, मिथलेश मिश्र, आशीष मिश्र मौजूद रहे।
