पॉक्सो एक्ट: दोषी जुल्फिकार उर्फ कल्लू को 20 वर्ष की कठोर कैद

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आयुष श्रीवास्तव / वीरेन्द्र नाथ

  • 50 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
  • तीन आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
  • करीब तीन वर्ष पूर्व से 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ कई बार दुष्कर्म कर गर्भवती होने पर गर्भपात कराने का मामला

सोनभद्र। करीब 3 वर्ष पूर्व से 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ कई बार हुए दुष्कर्म और गर्भवती होने पर गर्भपात कराने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी जुल्फिकार उर्फ कल्लू को 20 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई। उसके ऊपर 50 हजार रूपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। वहीं तीन आरोपियों राजा, राजकुमार सिंह व आंचल मौर्या को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 23 सितंबर 2024 को घोरावल कोतवाली में दी तहरीर में अवगत कराया था कि वह और उसकी पत्नी मजदूरी करने घर से रोज मार्केट चले जाते हैं। उसकी 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर जुल्फिकार उर्फ कल्लू पुत्र इजहार निवासी बनौरा, थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र हाल पता ग्राम जुडिया, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र करीब 2 वर्ष से शारीरिक संबंध बनाता रहा।जब बेटी गर्भवती हो गई तो 23 सितंबर 2024 को घर से ले जाकर जबरजस्ती गर्भपात करवा दिया। इस तहरीर पर घोरावल कोतवाली पुलिस ने 24 सितंबर 2024 को दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचना के दौरान राजा, राजकुमार सिंह व आंचल मौर्या का नाम प्रकाश में आया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने जुल्फिकार उर्फ कल्लू, राजा, राजकुमार सिंह व आंचल मौर्या के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, 8 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर पॉक्सो एक्ट में दोषी जुल्फिकार उर्फ कल्लू (20) वर्ष को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वही अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। वहीं तीन आरोपियों राजा, राजकुमार सिंह व आंचल मौर्या को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी व नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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